
आपने कभी सोचा है कि आखिर how does a fridge work ?.फ्रिज अपने अंदर की गर्मी (heat ) को बाहर फेंक देता है .जब फ्रिज अंदर की गर्मी को बाहर निकाल देता है, तो अंदर का तापमान कम हो जाता है और चीजें ठंडी रहती हैं . हमारी सब्जिया , खाने की चीजे हम फ्रिज में रखते है , ताकि वो खराब ना हो . आपने कभी सोचा है फ्रिज के अंदर का कम तापमान चीजों को ख़राब होने से कैसे बचाता होगा ?. खाने की चीजों में कुछ सूक्ष्मजीव होते है . कम तापमान में बहुत सारे सूक्ष्मजीव जैसे बैक्टीरिया (Bacteria) , यीस्ट (yeasts) , मोल्ड्स ( molds ) का विकास (ग्रोथ) स्लो हो जाता है . और इसी वजह से हमारी खाने पिने की चीजे फ्रिज में जल्दी ख़राब नहीं होती .
इससे आप ये जान गए होंगे की फ्रिज हमारे लिए कितना अम्मुल्य है . इस लेख में हम ये विस्तार से देखेंगे , की फ्रिज काम कैसे करता है ?.
Table of Contents
फ्रिज के मुख्य अवयव (Main components of fridge )

1) कंप्रेसर ( Compressor)
कंप्रेसर को फ्रिज का मुख्य हिस्सा या ‘दिल’ कहा जाता है, क्योंकि यह पूरे कूलिंग सिस्टम को संचालित करता है . कंप्रेसर दिल की तरह काम करता है . दिल जैसे खून को पुरे शरीर में सरक्युलेट (circulate ) करता है . बिलकुल वैसे कंप्रेसर फ्रिज में लिक्विड को सरक्युलेट (circulate ) करता है . इस लिक्विड को रेफ्रीजरंट (refrigerant) कहते है . आपने कभी साइकिल के पंप से टायर में हवा भरी है क्या ? . कंप्रेसर उसी तरह रेफ्रीजरंट गैस को दबाता है जिस तरह पंप हवा को टायर में दबाता है . कंप्रेसर के रेफ्रीजरंट गैस को दबाने से गैस का प्रेशर और तापमान बढ़ जाता है .
2) कंडेंसर (Condenser)
फ्रिज के पीछे आपने पतली ट्यूब का कुंडल (coil) देखा है क्या ? . ये पतली ट्यूब कंडेंसर है . फ्रिज के अंदर जो heat है वो इसी ट्यूब से बाहर निकलती है . अगर आप इस ट्यूब के पास अपना हाथ ले जाते है , तब आप इस गर्मी को महसूस कर सकते है . कंडेंसर में रेफ्रीजरंट (refrigerant) गैस से लिक्विड बनता है .
3) एक्सपांशन वाल्व / कैपिलरी ट्यूब (expansion valve / Capillary tube)
कंडेंसर से बाहर निकला लिक्विड रेफ्रीजरंट एक्सपांशन वाल्व में आता है .एक्सपांशन वाल्व जब रेफ्रीजरंट को बाहर छोड़ता है . इस प्रोसेस में रेफ्रीजरंट का प्रेशर गिर जाता है . इसके साथ गैस का तापमान भी गिर जाता है . इसी वजह से कुछ लिक्विड रेफ्रीजरंट गैस बन जाता है . इसके बाद गैस और लिक्विड रेफ्रीजरंट (refrigerant) का मिश्रण इवैपोरेटर (Evaporator) की तरफ जाता है .
4) इवैपोरेटर (Evaporator)
इवैपोरेटर (Evaporator) फ्रिज के अंदर होता है . इवैपोरेटर (Evaporator) एक ट्यूब का कुंडल (coil) होता है . इवैपोरेटर (Evaporator) फ्रिज के अंदर की गर्मी (heat ) सोख लेता है . जिससे फ्रिज ठंडा होता है . अंदर की गर्मी सोखने की वजह से इवैपोरेटर (Evaporator) में मौजूद रेफ्रीजरंट (refrigerant) लिक्विड से गैस बनता है .
अब हम देखते है की फ्रिज कैसे काम करता है (fridge how does it work )
फ्रिज कैसे काम करता है (how does a fridge work )
फ्रिज अपने अंदर की हीट (heat) को बाहर डालता है . हीट बाहर निकलने के वजह से फ्रीज़ ठंडा होता है . और फ्रीज़ को ठंडा करने के काम को अंजाम देता है रेफ्रीजरंट (refrigerant) . खून जैसे पुरे शरीर में सरक्युलेट (circulate ) होता है , उसी तरह रेफ्रीजरंट (refrigerant) फ्रिज में सरक्युलेट (circulate ) होता है .
फ्रिज को ठंडा करने की प्रक्रिया इवैपोरेटर (Evaporator) से शुरू होती है . कम प्रेशर वाला लिक्विड रेफ्रीजरंट (refrigerant) इवैपोरेटर (Evaporator) में आता है . इसके बाद लिक्विड रेफ्रीजरंट (refrigerant) फ्रिज में मौजूद पदार्थ और हवा से गर्मी (heat) सोख लेता है . इस वजह से रेफ्रीजरंट (refrigerant) लिक्विड से गैस में बदल जाता है .
इसके बाद रेफ्रीजरंट कंप्रेसर में जाता है . कंप्रेसर इस गैस को दबाता है जिसके कारण गैस का प्रेशर और तापमान बढ़ जाता है . ये गैस फिर कंडेंसर में जाता है यहाँ गैस में से हीट (heat) बाहरी वातावरण में छोड़ी जाती है . इसी वजह से रेफ्रीजरंट लिक्विड बन जाता है .
अब ये हाई प्रेशर लिक्विड एक्सपांशन वाल्व से गुजरता है . एक्सपांशन वाल्व इस लिक्विड रेफ्रीजरंट (refrigerant) को धीरे धीरे आगे छोड़ता है . इससे लिक्विड के ऊपर का प्रेशर गिर जाता है . इसके साथ रेफ्रीजरंट का temperature भी कम हो जाता है . यहाँ कुछ रेफ्रीजरंट गैस बन जाता है . लिक्विड और गैस का मिक्सचर अब इवैपोरेटर (Evaporator coil) में आता है . लिक्विड रेफ्रीजरंट (refrigerant) अब खाने की चीजों में से हीट (heat) सोख लेता है और गैस बनता है . यहाँ से पूरा साइकिल (cycle ) अब फिरसे शुरू होता है , जो हमने ऊपर देखा है .
कंप्रेसर रेफ्रीजरंट गैस को क्यूँ दबाता है ?( why Compressor compress refrigerant gas)
रेफ्रीजरंट गैस का temperature अगर बाहर के वातावरण के temperature से ज्यादा हो तो हीट ( heat ) आसानी से बाहर जाती है . क्युकी हीट (heat ) ज्यादा temperature से कम temperature की ओर बहती है . रेफ्रीजरंट का प्रेशर जब ज्यादा होता है . तब refrigerant हाई टेम्परेचर पर लिक्विड बनता है . इसका मतलब यह है कि रेफ्रिजरेंट का बॉयलिंग पॉइंट बढ़ जाता है. उदाहरण के लिए, जब दबाव सामान्य यानी 1 एटीएम होता है, तब पानी लगभग 100 डिग्री सेल्सियस पर उबलता है. जब पानी पर 2 एटमॉस्फियर (atm) का दबाव डाला जाता है, तो उसका उबलने का तापमान बढ़कर लगभग 120 डिग्री सेल्सियस हो जाता है.
यही कारण है की कंप्रेसर refrigerant गैस को दबाता है . ताकि उसका तापमान और प्रेशर बढाया जा सके .
फ्रिज का फ्रीजर कैसे काम करता है ?(how does a fridge freezer work)
फ्रीजर फ्रिज जैसे ही काम करता है जैसे हमने उपर देखा . लेकिन फ्रीजर का तापमान फ्रिज से काफी कम होता है . फ्रीजर का तापमान लगभग -18°C होता है, वही फ्रिज का तापमान 2°C से 5°C होता है
. फ्रीजर में इवैपोरेटर (Evaporator coil ) ज्यादा होती है . जिस वजह से फ्रीजर का तापमान फ्रिज से काफी कम होता है .

Prashant Adhangle इस ब्लॉग (Curiosity73.in) के Founder और लेखक है . Prashant ने Physics विषय में अपनी Master degree कियी है . उन्हें physics विषय की रोचक जानकारी लोगों तक आसान भाषा में पोहचाना पसंद है . Prashant महाराष्ट्र के नाशिक शहर के छोटे से गाँव देवगांव के रहने वाले है .