
मैगनेट क्या होते है (What are magnets) ? क्या आपको पता है ? . तो चलिए आज के इस लेख में हम यही जानते है .
बचपन में हम सबने मैगनेट के साथ खेला होता है . हर बार मैगनेट हमे अचंबित करते है , की कैसे कुछ दूरी से बिना किसी चीज को स्पर्श किये मैगनेट चीजों को अपनी तरफ खीच लेते है . मैगनेट हमारे आसपास दिखने वाली काफी सारी चीजों में होते है . जैसे टीवी , रेडियो , फ्रिज , मोबाइल और बहुत सारे उपकरणों में मैगनेट का इस्तेमाल किया जाता है.
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मैगनेट क्या होते है(What are magnets)
मैगनेट ऐसी चीज होती है जो अपने आसपास एक प्रकार की फील्ड बनाते है ,जिसे मैग्नेटिक फील्ड बोलते है . इस फील्ड को आँखों से देखा नहीं जा सकता. लेकिन जब कोई मैग्नेटिक मटेरियल जैसे लोहा , स्टील , कोबाल्ट , निकेल इसके नजदीक आता है . तब मैगनेट उस मटेरियल को अपने तरफ आकर्षित करता है . मैगनेट को दो पोल होते है नॉर्थ पोल और साउथ पोल . दो मैगनेट के सेम पोल एक दुसरे को अपने आप से दूर धकेलते है . वही एक मैगनेट का साउथ पोल दुसरे मैगनेट के नॉर्थ पोल को अपने तरफ आकर्षित करता है .
मैगनेट की खोज कैसे की गयी ?( how magnet was discovered ?)
मैगनेट की खोज अन्सिएंट ग्रीस के एक चरवाहा ने की जिसका नाम मैग्नेस (magnes) था . मैग्नेस ग्रीस के मैग्नेशिया (magnesia) इलाके में रहता था . स्टोरी कुछ ऐसी है एक दिन मैग्नेस जब पहाड़ों पर पशुचारण कर रहा था तब उसके लाठी की नोक पर लगा लोहा और उसके जूतों में लगी किल पत्थर से चिपकने लगे . इस चरवाह के और इस इलाके के नाम से इस पत्थर को मैग्नेटाइट (magnetite) नाम दिया गया . लोहे को अपने तरफ आकर्षित करने के इस गुण की वजह से इस पत्थर को लोडस्टोन ( loadstone) भी कहा जाता है . मैग्नेटाइट एक नेचुरल मैगनेट है .
मैगनेट कितने प्रकार के होते है(what are the types of magnet)
मैगनेट का आकर अलग अलग हो सकता है . लेकिन हर एक मैगनेट को सिर्फ दो ही पोल होते है . जैसे हमने ऊपर देखा है. मैगनेट तीन प्रकार के होते है टेम्पररी मैगनेट (temporary magnet) , परमनंट मैगनेट (permanent magnet ) और इलेक्ट्रो मैगनेट (electromagnet) .
टेम्पररी मैग्नेट वे चुंबकीय पदार्थ होते हैं जो किसी स्थायी मैग्नेट के प्रभाव में आने पर ही चुंबकीय गुण दिखाते हैं. लेकिन जैसे ही वह प्रभाव समाप्त होता है, ये सामान्य अवस्था में लौट आते हैं और चुंबकीय गुण नहीं दिखाते.
इलेक्ट्रो मैगनेट को मैगनेट जैसा बर्ताव करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी की जरुरत होती है
परमानेंट मैगनेट वे होते हैं जो अपने आप चुंबकीय गुण रखते हैं और उन्हें चुंबक बनने के लिए किसी बाहरी स्रोत, जैसे बिजली या अन्य मैगनेट, की आवश्यकता नहीं होती.
परमनंट मैगनेट कैसे बनाया जाता है ?(how are permanent magnets made)
परमानेंट मैगनेट (Permanent Magnet) को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जाता है. इनमें प्रमुख रूप से एल्युमिनियम, निकल, कोबाल्ट, निओडाइमियम, बोरॉन और लोहे जैसी धातुएं शामिल होती हैं . इन मटेरियल की मैग्नेटिक प्रॉपर्टी काफी शक्तिशाली होती है . और ये लम्बे समय तक मैगनेट बने रहते है
ऊपर के मटेरियल इस्तेमाल करके मैगनेट को बनाया जाता है लेकिन अभी वो मैगनेट जैसा बर्ताव नहीं करता . इस मैग्नेटिक मटेरियल के एटम किसी छोटे मैगनेट की तरह होते है . बिकुल किसी बार मैगनेट की तरह लेकिन उससे काफी छोटे . ये छोटे मैगनेट ( एटम्स ) अलग अलग दिशा में पॉइंट करते है . इसी वजह से ये एक दुसरे के इफ़ेक्ट को कैंसिल करते है . इसी वजह से मैग्नेटिक मटेरियल मैग्नेटिक प्रॉपर्टी नहीं दिखता .
इन सभी एटम्स को ( छोटे मैगनेट को ) जब एक ही दिशा में पॉइंट किया जाता है , तब ये मैग्नेटिक मटेरियल एक परमनंट मैगनेट ( permanent magnet ) बनता है . और इस प्रक्रिया को magnetization कहते है .
इलेक्ट्रो मैगनेट कैसे बनाते है (What is electromagnet and How Electromagnet is made )

इलेक्ट्रो मैगनेट तब इस्तेमाल किया जाता है जब काफी शक्तिशाली मैगनेट की जरुरत हो . इलेक्ट्रो मैगनेट बनाने के लिए वायर की कॉइल बनाई जाती है . जब कॉइल से करंट गुजरता है कॉइल मैग्नेटिक फील्ड बनाती है . इस मैग्नेटिक फील्ड को और शक्तिशाली बनाने के लिए कॉइल के अंदर मेटल का टुकड़ा डाला जाता है .आम तौर पर ये एक लोहे का टुकड़ा होता है . कॉइल में करंट जितना ज्यादा उतना ही ज्यादा शक्तिशाली मैगनेट बनता है . वैसे ही कॉइल में टर्न जितने ज्यादा होंगे मैगनेट उतना ही शक्तिशाली बनता है. लेकिन जैसे ही कॉइल से करंट गुजरना बंद होता है .इलेक्ट्रो मैगनेट मैगनेट जैसे बर्ताव करना छोड़ देता है .
इलेक्ट्रो मैगनेट के एप्लीकेशन ( Application of electromagnet)
इलेक्ट्रो मैगनेट का इस्तेमाल काफी जगह पर किया जाता है जैसे इलेक्ट्रिक मोटर , जनरेटर , लाउड स्पीकर , ट्रांसफार्मर , इलेक्ट्रिक चूल्हा , दरवाजे की घंटी (door bell ), टेप रिकॉर्डर , मैग्नेटिक लॉक , मैग्लेव ट्रेन , इलेक्ट्रो मैगनेट का MRI मशीन में भी इस्तेमाल किया जाता है .

Prashant Adhangle इस ब्लॉग (Curiosity73.in) के Founder और लेखक है . Prashant ने Physics विषय में अपनी Master degree कियी है . उन्हें physics विषय की रोचक जानकारी लोगों तक आसान भाषा में पोहचाना पसंद है . Prashant महाराष्ट्र के नाशिक शहर के छोटे से गाँव देवगांव के रहने वाले है .