What is Axiom 4 Mission in Hindi — यह सवाल इन दिनों हर उस व्यक्ति के मन में है जो भारत की अंतरिक्ष यात्रा में रुचि रखता है . Axiom 4 मिशन न केवल तकनीकी दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह भारत के लिए भी गर्व का विषय है, क्योंकि इस मिशन से एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री भी जुड़ा हुआ है . इस ऐतिहासिक मिशन के माध्यम से भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस मिशन में अपनी सक्रिय भागीदारी को और भी मजबूत किया है .

Table of Contents
अक्सिओम 4 मिशन क्या है ?(What is axiom 4 mission in hindi)
Axiom 4 मिशन (Ax-4) एक पूरी तरह से निजी अंतरिक्ष यात्रा है, जिसे अमेरिका की निजी कंपनी Axiom Space ने आयोजित किया है. इसका उद्देश्य था — अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर वैज्ञानिक प्रयोग करना . इस मिशन के तहत तिन देश भारत , पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जायेंगे . चारो वैज्ञानिक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में संशोधन करेंगे . वैज्ञानिक सिर्फ अपने देश की तरफ से नहीं बल्कि 31 देशों की ओर से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में संशोधन करेंगे जैसे सऊदी अरेबिया , ब्राज़ील , नाइजीरिया और दुसरे .
axiom-4 मिशन कुछ त्रुटीओं की वजह कई बार रद्द हो चुका था . लेकिन आज 25 जून को रॉकेट ने सफलता पूर्ण उड़ान भरी .
अक्सिओम 4 मिशन के अंतरिक्ष यात्री (astronauts of axiom 4)

Ax-4 मिशन में कुल चार अंतरिक्ष यात्रियों ने भाग लिया — भारत के शुभांशु शुक्ला, पोलैंड के स्लावोश उज्नान्सकी विस्निएव्स्की, हंगरी के टिबोर कपू और अमेरिका की पैगी व्हिटसन .
पैगी व्हिटसन (Peggy Whitson) नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री है . वो इस मिशन की कमांडर है . शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की तरह काम करेंगे . स्लावोस्ज़ उज्नान्सकी विस्निएव्स्कि और टिबोर कपू मिशन स्पेशालिस्ट की तरह काम करेंगे .
शुभांशु शुक्ला कौन है ?(who is shubhanshu shukla axiom 4 mission)
ग्रुप कैप्टेन शुभांशु शुक्ला इंडियन एयर फोर्स के टेस्ट पायलेट है . वो इसरो के अंतरिक्ष यात्री भी है . भारत के गगनयान मिशन में इसरो ने उन्हें अंतरिक्ष यात्री चुना है . उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को जन्मे शुभांशु शुक्ला को कई तरह के विमानों को उड़ाने में 2000 घंटे से भी ज्यादा का व्यावसायिक अनुभव है.
शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाने वाले पहले भारतीय बन गए है. इसके साथ अंतरिक्ष में जानेवाले वो दूसरे भारतीय बन गए है. करीब करीब 41 साल बाद भारत का कोई अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में गया है. राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जानेवाले पहले भारतीय थे . राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष में गए थे.
इस उड़ान से पहले शुभांशु शुक्ला ने कहा की , “41 साल बाद भारत का झंडा अंतरिक्ष में लहराएगा . जय हिन्द “.
स्पेसक्राफ्ट से शुभांशु शुक्ला ने ये कहा की
यह यात्रा सिर्फ मेरी नहीं है — यह पूरे भारत की है.
यह भारत के मानवीय अंतरिक्ष मिशन की एक नई और ऐतिहासिक शुरुआत है. मैं चाहता हूँ कि देश का हर नागरिक इस गौरवशाली सफर का हिस्सा बने. अब वक्त है गर्व महसूस करने का, उत्साह दिखाने का . आइए, हम सभी एकजुट होकर इस ऐतिहासिक ह्यूमन स्पेस जर्नी में कदम से कदम मिलाएं . जय हिंद! जय भारत!
अक्सिओम 4 का रॉकेट लौंच(rocket launch axiom mission 4 (ax-4))
भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और अंतरिक्ष यात्रियों ने आज 12 :01 ( भारतीय समय) पर आकाश में उड़ान भरी. उन्होंने कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39A से ये उड़ान भरी. उड़ान के 10 मिनट बाद Falcon-9 रॉकेट क्रू ड्रैगन को पृथ्वी की कक्षा में छोड़ता है . क्रू ड्रैगन 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड के स्पीड से पृथ्वी की परिक्रमा करने लगा है . क्रू ड्रैगन पृथ्वी से 200 किलोमीटर की दूरी पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है .
SpaceX का क्रू ड्रैगन यान अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचाएगा और फिर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस भी लाएगा . अगले 28 से 29 घंटे सफर करने के बाद वो गुरुवार को 4: 30 बजे तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS )तक पहुंचेंगे .
अक्सिओम 4 मिशन का उद्देश (aim of axiom 4 mission)
चारो अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 14 दिनों तक रहने वाले है. इन दिनों में अंतरिक्ष यात्री वहां कुछ वैज्ञानिक शोध कार्य करने वाले है .

Prashant Adhangle इस ब्लॉग (Curiosity73.in) के Founder और लेखक है . Prashant ने Physics विषय में अपनी Master degree कियी है . उन्हें physics विषय की रोचक जानकारी लोगों तक आसान भाषा में पोहचाना पसंद है . Prashant महाराष्ट्र के नाशिक शहर के छोटे से गाँव देवगांव के रहने वाले है .