What is friction in Hindi – अगर आसान भाषा में समझें, तो घर्षण (Friction) वह शक्ति है जो किसी वस्तु को फिसलने या सरकने से रोकती है . जब भी दो सतहें एक-दूसरे के संपर्क में आती हैं और उनमें आपस में कोई हलचल होती है, तो उनके बीच एक विरोध करने वाली शक्ति पैदा होती है – इसी को घर्षण कहते हैं . यह हमारे रोज़मर्रा के जीवन में अहम भूमिका निभाता है . बिना घर्षण के हम न तो चल सकते हैं और न ही कोई चीज़ पकड़ सकते हैं .

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घर्षण क्या होता है ? (What is friction in hindi ?)
फ्रिक्शन एक बल है . जब दो वस्तुओं की सतह एक दुसरे के संपर्क में आती है , तब उन दो वस्तुओं में होने वाले किसी भी हलचल (motion) को जो बल विरोध करता है , उसे फ्रिक्शन (friction) या घर्षण बोलते है . घर्षण की दिशा हमेशा वस्तु जिस दिशा में हलचल कर रही है उसके विपरीत दिशा में होती है .
घर्षण कम होगा या ज्यादा ये दो वस्तुए जिस मटेरियल से बनी होती है , उसपर निर्भर करता है . वस्तुए जितनी ज्यादा खुरदुरी होती है उनके बिच घर्षण उतना ही ज्यादा होता है . घर्षण के वजह से heat उत्पन्न होती है . उदहारण के तौर पर अगर हम हमारे हाथ एक दुसरे के ऊपर रगड़ते है तो हाथ गर्म हो जाते है.
घर्षण कैसे उत्पन्न होता है ? (how friction occurs)

बाहर से चिकनी दिखने वाली सतह सूक्ष्म स्तर पर काफी खुरदुरी होती है . इस सतह पर सूक्ष्म स्तर पर काफी उभार (bump) और छोटी घाटियाँ (valleys) होती है . जब दो सतह एक दुसरे के ऊपर सरकती है तब ये उभार और घाटियाँ आपस में लॉक हो जाती है . जिस वजह से दोनों सतह हिल नहीं पाती . इस लॉक को तोड़ने के लिए हमे एक्स्ट्रा बल लगता है , इस एक्स्ट्रा फोर्स को ही हम फ्रिक्शन बोलते है . इस तरह से घर्षण उत्पन्न होता है
कभी कभी दो ऐसी सतह एक दुसरे के संपर्क में आती है जिनके मॉलिक्यूल एक दुसरे को अपने तरफ आकर्षित करते है . इस वजह से दोनों सतह एक दुसरे से चिपकती है . इसी वजह से भी दो सतह एक दुसरे के ऊपर सरक नहीं पाती . हमे यहाँ भी एक्स्ट्रा फोर्स लगाना पड़ता है . यहाँ पे हलचल में होने वाले विरोध को ही हम घर्षण बोलते है .
घर्षण के प्रकार (Types of friction in hindi)
1)Static friction
दो वस्तुए जो हिल नहीं रही है यानि दोनों स्थिर है और उनकी सतह एक दुसरे के संपर्क में है , इन वस्तुओं पर static friction लगता है . जब हम ऐसी वस्तु पर थोड़ा बल लगाते हैं, तो स्थैतिक घर्षण (static friction) उस वस्तु को हिलने नहीं देता , जिससे वस्तु अपनी जगह पर बनी रहती है . वस्तु तभी हिलती है जब लगाया गया बल स्थैतिक घर्षण से अधिक हो जाता है .
static friction स्थिर वस्तुओं पर लगता है . यह गति शुरू होने से पहले रुकावट डालता है . static friction की मात्रा sliding friction से अधिक होती है .
static friction के उदहारण (static friction examples)
- जब हम घर में रखे भारी अलमारी को धक्का देते है , तब अलमारी अपने जगह से हिलती नहीं है क्युकी यहाँ static friction अलमारी को हिलने से रोकता है . जब हम अलमारी पर अधिक का बल लगाते है तब static friction छोटा पड़ता है . और अलमारी हिलने लगती है .
- जब कोई वाहन रुक जाता है, तो टायर और सड़क के बीच मौजूद स्थैतिक घर्षण उसे उसी स्थान पर स्थिर बनाए रखता है .
- जब हम आगे बढ़ते हैं, तो जूते और सतह के बीच मौजूद स्थैतिक घर्षण न केवल हमें फिसलने से बचाता है, बल्कि गति प्राप्त करने में भी मदद करता है .
2) Sliding friction
जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु की सतह पर सरकती है तब उन वस्तुओं के बिच जो फ्रिक्शन होता है उसे sliding friction बोलते है . sliding friction static friction की तुलना में कमजोर होता है . इसे हम एक उदहारण से समझ सकते है जब हम किसी भारी टेबल को धक्का देते है तब शुरुवात में टेबल हिलता नहीं है . यानी शुरुवात में टेबल को हिलाने में हमें ज्यादा जोर लगना पड़ता है . जैसे ही हम ज्यादा जोर से धक्का देते है टेबल हिलने लगता है . एक बार जब टेबल गति में आ जाता है, तो उसे आगे सरकाना आसान हो जाता है .
sliding फ्रिक्शन के उदहारण (sliding friction examples)
- जब आप किसी किताब को टेबल पर हल्का धक्का देते हैं और वह सतह पर फिसलती है, तो किताब और टेबल के बीच जो रगड़ होती है, वही स्लाइडिंग फ्रिक्शन है.
- अगर आप ज़मीन पर रखे भारी बक्से को खींचते हैं . इस दौरान फर्श और बॉक्स के बीच होने वाली रुकावट स्लाइडिंग घर्षण होती है.
- जब बच्चा स्लाइड से नीचे की ओर फिसलता है, तो उसके शरीर और स्लाइड की सतह के बीच जो घर्षण होता है, वह स्लाइडिंग फ्रिक्शन होता है.
3) Rolling friction
जब कोई गोल वस्तु जैसे पहिया या गेंद किसी सतह पर लुढ़कती है, तो उसके और सतह के बीच जो विरोध करने वाला बल उत्पन्न होता है, उसे रोलिंग फ्रिक्शन कहते हैं. यह बल उस वस्तु की गति को थोड़ा-थोड़ा करके धीमा करता है, लेकिन इसकी मात्रा बहुत कम होती है. रोलिंग फ्रिक्शन की मात्रा स्टैटिक और स्लाइडिंग फ्रिक्शन से कम होती है .
रोलिंग फ्रिक्शन के उदहारण (rolling friction examples in daily life)
- ज़मीन पर धीरे-धीरे लुढ़कती हुई गेंद . यहाँ गेंद और जमीन के बिच जो फ्रिक्शन है इसे रोलिंग फ्रिक्शन बोलते है .
- साइकिल के घूमते हुए पहिए . यहाँ साइकिल के पहिए और जमीन के बिच जो फ्रिक्शन है उसे रोलिंग फ्रिक्शन बोलते है
- ट्रेन के पहिए जो पटरी पर घूमते हैं . यहाँ ट्रेन की पटरी और ट्रेन के पहियों के बिच रोलिंग फ्रिक्शन है .
4) Fluid friction
Fluid Friction वह घर्षण बल है जो किसी वस्तु पर तब लगता है जब वह किसी तरल (जैसे पानी) या गैस (जैसे हवा) के भीतर से होकर गुजरती है . यह बल वस्तु की गति को धीमा करता है और उसकी दिशा के विपरीत कार्य करता है. वस्तु का आकार, गति और द्रव (fluid ) की चिपचिपाहट पर (viscosity) इस घर्षण की मात्रा निर्भर करती है . इसे drag force भी कहा जाता है .
- जब कोई व्यक्ति पानी में तैरता है, तो उसके शरीर को आगे बढ़ने में जल से एक प्रकार का विरोध मिलता है — यह जल प्रतिरोध दरअसल तरल घर्षण ही होता है .
- जब एक हवाई जहाज़ तेज़ गति से उड़ता है, तो हवा उसे आगे बढ़ने से थोड़ा रोकती है. यह विरोध हवा के कणों से होता है, जो fluid friction का उदाहरण है .
- जब कार तेज़ चलती है, तो सामने से टकराती हवा कार की गति को धीमा करने की कोशिश करती है — इसे एयर रेसिस्टेंस या वायुवीय घर्षण कहा जाता है .
घर्षण के फायदे (advantages of friction)
1) हमारे पैरों और ज़मीन के बीच होने वाला घर्षण ही हमें फिसले बिना चलने और दौड़ने में मदद करता है .
2) टायर और सड़क के बीच घर्षण होने से गाड़ियाँ रुक सकती हैं और मोड़ पर नियंत्रण बनाए रखती हैं .
3) अगर घर्षण न हो, तो हाथों से कोई भी वस्तु पकड़ना मुश्किल हो जाएगा — वह फिसलने लगेगी .
4) जब हम माचिस की तीली माचिस बॉक्स पर रगड़ते हैं, तब इस घर्षण से गर्मी पैदा होती है और माचिस जलने लगती है .
5)पेन या पेंसिल जब कागज़ पर चलती है, तो उनके बीच होने वाले घर्षण की वजह से कागज पर अक्षर और चित्र बन पाते है .
6) घर्षण की वजह से हम बिना फिसले किसी ढलान पर खड़े हो सकते हैं या सीढ़ियाँ चढ़ सकते हैं .
7) वाहन का ब्रेक लगाते समय पहिए और ब्रेक पैड के बीच घर्षण ही उसे धीरे-धीरे रोकता है .
फ्रिक्शन के नुकसान (Disadvantages of friction)
1)जब दो सतहें आपस में रगड़ती हैं, तो घर्षण के कारण गर्मी पैदा होती है . यह गर्मी अक्सर अनचाही होती है और इससे ऊर्जा का नुकसान होता है.
2)लगातार घर्षण से मशीनों के हिस्से धीरे-धीरे घिसने लगते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता कम होती है और समय से पहले खराब हो जाते हैं .
3)घर्षण बल गति के विपरीत कार्य करता है, जिससे किसी वस्तु को चलाने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है .
4)गाड़ियों में घर्षण अधिक होने से इंजन को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे पेट्रोल या डीज़ल की खपत बढ़ जाती है .
5)कई बार रगड़ने से आवाज़ (noise) पैदा होता है, जो कानों को नुकसान पहुँचा सकता है — जैसे मशीनें का आवाज या ब्रेक लगने पर आने वाला आवाज .
6)घर्षण के कारण जूते, टायर आदि जल्दी घिस जाते हैं, जिससे उनकी उपयोगिता और जीवनकाल घट जाता है .

Prashant Adhangle इस ब्लॉग (Curiosity73.in) के Founder और लेखक है . Prashant ने Physics विषय में अपनी Master degree कियी है . उन्हें physics विषय की रोचक जानकारी लोगों तक आसान भाषा में पोहचाना पसंद है . Prashant महाराष्ट्र के नाशिक शहर के छोटे से गाँव देवगांव के रहने वाले है .